राम मंदिर का उद्घाटन पौष महीने में हो रहा है, जो हिंदू चंद्र कैलेंडर के दसवां महीना होता है। इस महीने में होने वाले कुंभ मेला और महाकुंभ के कारण इसका विशेष महत्व है।

22 जनवरी को मकर संक्रांति के ठीक बाद आता है, जो सूर्य के मकर में उत्तर की ओर जाने का प्रतीक है। उत्तरायण, जैसा कि इसे जानते हैं, नई शुरुआत का समय है और राम मंदिर का उद्घाटन इस शुभ समय में हो रहा है।

उद्घाटन की तिथि शुक्ल पक्ष और द्वादशी तिथि के दौरान है, जो दैवीय शक्तियों की विशेष उपस्थिति के साथ एकजुट होती है। 

22 जनवरी को चंद्रमा मृगशिरा नक्षत्र में है, जो उद्घाटन के लिए शक्तिशाली संकेत है, क्योंकि इससे मंदिर को स्थिरता और समृद्धि की प्राप्ति होने का संकेत होता है।

22 जनवरी को सूर्य उत्तराषाढ़ा नक्षत्र और मकर राशि में होता है, जो मंदिर को वैश्विक आध्यात्मिक नेता के रूप में प्रस्तुत करने का संकेत है।

इन योगों का महत्व है और इनकी उपस्थिति राम मंदिर के उद्घाटन को और भी महत्वपूर्ण बनाती है। ये योग दीर्घायु और सकारात्मकता की प्राप्ति का संकेत करते हैं।

तिथि का कुल योग 4 है, जो समापन और स्थिरता की भावना को दर्शाता है। इसमें सपनों को हकीकत में बदलने की क्षमता होती है।

22 जनवरी की ऊर्जा जमीनी और व्यावहारिक अभिव्यक्तियों को प्रोत्साहित करती है, जो व्यक्तियों को अपने आध्यात्मिक और व्यक्तिगत विकास में समर्थन प्रदान कर सकती है।