रामलला की पवित्र मूर्ति और मंदिर के द्वार से होने वाली अलौकिक अनुभूति व्यक्ति को मोहित कर लेती हैं, जिससे वह दिव्यता का अहसास करता है।
सागौन की बेहद खट्टी लकड़ी से तैयार दरवाजा खूबसूरत, चमकीला, और सम्मोहक है, जिससे व्यक्ति को आकर्षित करने का अनुभव होता है।
इस दरवाजे की भव्यता का वर्णन करने वाले मालिक सरत बाबू ने बताया है कि यह दरवाजा महाराष्ट्र के बल्लारशाह गांव से सागौन की लकड़ी में बनाया गया है और इसका डिजाइन हाईक्वॉलिटी है।
यह दरवाजा बहुत ही सुरक्षित है और सरत बाबू के अनुसार, इसे हजार साल तक खराब नहीं होने का दावा किया जा रहा है। इसमें उच्च गुणवत्ता के सागौन का टैक्सचर इसे और भी आकर्षक बनाता है।
दरवाजा बनाने के लिए तमिल के 60 आर्टिस्ट कंसिस्टेंट काम कर रहे हैं, जो इसमें अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं और इसे एक अद्वितीय और सुंदर रूप दे रहे हैं।
इसमें गजराज, कमल, देवमूर्तियां, और अन्य विशेषताएं उकेरी गई हैं, जो दरवाजे को भूतल के साथ और भी आकर्षक बनाती हैं। इसमें सागौन के तेल की मात्रा भी अधिक है, जिससे यह समृद्धि और सुरक्षा का अभास कराता है।
दरवाजे के विभिन्न स्तर:मुख्य मंदिर के भूतल के लिए 18 दरवाजे हैं, जिनमें से 14 पर गोल्डन जड़ित हैं, जो इसे और भी शानदार बनाता है।
इसके अलावा, परकोटे के लिए भी नौ दरवाजे तैयार हैं जो व्यक्ति को मंदिर के प्रवेश से लेकर उसकी परिसर में बदलाव को महसूस कराते हैं।