अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन समारोह 22 जनवरी को होने वाला है, जिसमें राम लला की प्राण प्रतिष्ठा 12:15 बजे से 12:45 बजे के बीच की जाएगी।
1528 से 2024 तक का इतिहास बताते हुए, बाबरी मस्जिद के निर्माण से लेकर 1992 में उसके विध्वंस तक का समयरेखा एक संघर्षपूर्ण और ऐतिहासिक सफर की कहानी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे समारोह की अध्यक्षता, जिनके साथ उपस्थित होंगे यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, भागवत, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, और मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास।
क्रिकेटरों, व्यापारियों सहित 7,000 से अधिक गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित किया गया है। इस समारोह से जुड़े बड़े नेता और लोगों को इस महत्वपूर्ण पल में उपस्थित होने का अवसर मिलेगा।
1528 में बाबर ने मस्जिद का निर्माण किया था, जो 1992 में कारसेवकों द्वारा ध्वस्त कर दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में 2.77 एकड़ जमीन को राम मंदिर के निर्माण के लिए सरकार द्वारा स्थापित ट्रस्ट।
1853 में बाबरी मस्जिद के निर्माण के समय धार्मिक हिंसा शुरू हुई थी, और इसके बाद कई चरणों में यह विवाद बढ़ता रहा।
मस्जिद का अन्धाधुंध विध्वंस: 6 दिसंबर 1992 को कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद को तोड़ दिया, जिससे पूरे देश में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे।
सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में फैसला करते हुए राम जन्मभूमि के लिए 2.77 एकड़ जमीन को ट्रस्ट को हस्तांतरित करने का निर्देश दिया, जिससे एक नया अध्याय आरंभ हो रहा है।