राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह:22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन किया गया था, जो देशभर में महत्वपूर्ण घटना मानी गई।

रामलला की पुरानी मूर्ति का चयन:गोविंद देव गिरि ने बताया कि रामलला की पुरानी मूर्ति को नई मूर्ति के रूप में एक विशाल मंदिर में स्थापित किया गया है।

प्राचीन मूर्ति की प्रतिष्ठा:उन्होंने 22 जनवरी को ही रामलला की प्राचीन मूर्ति की भी प्रतिष्ठा की गई है, जो इस नए मंदिर में स्थान पाई है

इतिहास में रामलला की मूर्ति:गिरि ने इतिहास में 1949 में हुई रामलला की प्रतिमा के विवाद को भी सुचित किया, जब उसे बाबरी मस्जिद में प्रकट होने का दावा किया गया था।

राम मंदिर निर्माण की लागत:गिरि ने बताया कि राम मंदिर के निर्माण में अब तक 1100 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च हो चुका है और और आगामी काम के लिए और 300 करोड़ रुपये की आवश्यकता है।

रामलला की मूर्ति का विवरण:रामलला की मूर्ति के चयन पर गिरि ने बताया कि मूर्ति में बच्चे की मधुर प्रकृति, भुजाओं की लंबाई, और आभूषणों की सुंदरता को मधुर रूप से प्रतिस्थापित किया गया है।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्ट ने तीन मूर्तियों का निर्माण किया है, जिनमें से एक मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा निर्मित मूर्ति को 'प्राण प्रतिष्ठा' के लिए चुना गया है।

धर्म और वैज्ञानिक सिद्धांत:गिरि ने धर्म और वैज्ञानिक सिद्धांतों के साथ अपनी बातें साझा की और कहा कि धर्म चमत्कारी कानून है जो प्रकृति और आस्था को नियंत्रित करता है।