इस भूमि की मिट्टी न केवल अयोध्या में बल्कि देश और दुनिया भर में फिर से 'राम ज्योति' प्रज्वलित करेगी। यह एक महत्वपूर्ण पौराणिक और सांस्कृतिक सम्बंध को दर्शाता है।

रामलला और हनुमानगढ़ी के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु अब अयोध्या के कुम्हारों से दीये खरीद रहे हैं, जो एक सुंदर त्राड़िशनल रिति है।

अभिषेक के बाद, श्रद्धालु अपने घरों में 'राम ज्योति' जलाकर दिवाली मनाएंगे, जिससे यह दिखता है कि यह पूजा और त्योहार जनमानस के जीवन में अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूरदर्शी विचार ने यहां कुम्हारों के लिए एक बाजार खोलने का समर्थन किया है, जो उन्हें स्वावलंबी बनाने का एक कदम है।

प्रदेश सरकार ने स्थानीय कुम्हारों के द्वारा बनाए गए 10 लाख दीयों से अयोध्या को सजाने की तैयारी कर रही है, जिससे स्थानीय कला और शिल्पकला को प्रमोट किया जा रहा है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने 2017 में से लगातार दीपोत्सव महोत्सव का आयोजन किया है, जो सात वर्षों में लाखों दीयों तक बढ़ गया है। इससे स्थानीय आर्थिक संदर्भों में सहायक हो रहा है।

मंदिर के डिजाइन को संशोधित करने के लिए भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान के इनपुट के साथ, सीबीआरआई ने सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक स्मार्ट नेटवर्क को मंदिर में शामिल किया है।

इस पौराणिक और तात्कालिक सम्बंध में आयोध्या का महत्त्वपूर्ण स्थान है, जिससे यह दिखता है कि पूरा क्षेत्र धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से समृद्धि की ओर बढ़ रहा है।