पाकिस्तान ने गुरुवार को ईरान के सिएस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित 'आतंकवादी ठिकानों' पर सटीक सैन्य हमले का आरंभ किया। हमले में हत्यारे ड्रोन, रॉकेट, और युद्ध सामग्री का इस्तेमाल किया गया।

हमले के एक दिन बाद, पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में ईरान के साथ राजनयिक संबंधों को कम करने का निर्णय लिया। इसके चलते राजदूत वापस बुलाए गए और ईरानी दूत को निष्कासित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई।

ऑपरेशन का कोडनाम "मार्ग बार सरमाचर" रखा गया, जिसमें खुफिया आधारित ऑपरेशन के दौरान कई आतंकवादी मारे गए। इसमें सामग्री जैसे हताहत, ड्रोन, रॉकेट, और हथियारों का सही तरीके से उपयोग किया गया।

बयान में यह जानकारी दी गई कि हमले में आतंकवादी संगठनों, जैसे कि बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) और बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ), के ठिकानों को नष्ट करने का लक्ष्य रखा गया।

ईरानी सरकार ने हमले की निंदा की और तेहरान में रहे पाकिस्तानी प्रधान दूत को बुलाया, जिसमें उनसे हमले के बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया।

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा कि इस्लामाबाद ने अपनी गंभीर चिंताओं को तेहरान के साथ साझा किया है और इस बढ़ते तनाव को कम करने के लिए विशेष प्रयास कर रहा है।

चीन ने इस मामले में संरचित भूमिका निभाई और ईरान और पाकिस्तान के बीच संयम और शांति बनाए रखने की पेशकश की है।

इस घटना के बाद, पाकिस्तान और ईरान के बीच संबंधों में तनाव बढ़ा है, जिसने विस्तार से बढ़ते तनाव की चुनौती पैदा की है।